13
सदियों से चली आ रही परंपरा को लेकर रक्षाबंधन भाई बहन के इस पावन पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भुजरी भी क्षेत्र वासियों द्वारा बड़े धूमधाम से निकली जाती हैं एवं वहीं मातृशक्ति भी एकत्रित होकर एवं वह भी भुजरी को लेकर गाती थिरकती नजर आती है एवं भुजिरी कार्यक्रम के अंत में भुजरियों तोड़कर मंदिरों पर देवी देवताओं के चरणों में भेंट कर सभी ग्राम वासी घर घर जाकर एक दूसरे को भुजरीदेकर हिंदू परंपरा को निभाते हुए एक दूसरे के गले मिलते हैं एवं बुजुर्गों के पैरों को छूकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं
बैरसिया समाचार नेशन से मुकेश बैरागी की रिपोर्ट